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लखनऊ के शायर और अदीब

कुल: 242

लखनऊ के प्रसिद्ध शायर, मिर्ज़ा दबीर के सुपुत्र, काव्य विद्या पर अपनी किताब ‘मिक़यासुल अशआर’ के लिए भी प्रसिद्ध

प्रख्यात साहित्यकार, आलोचक, शोधकर्ता और शायर, पूर्व प्रोफेसर, अध्यक्ष, रजिस्ट्रार कराची यूनिवर्सिटी

शायरा और फ़ारसी अदब की विद्वान, लखनऊ विश्वविद्यालय के फ़ारसी विभाग की अध्यक्ष रहीं

लखनऊ स्कूल के आख़िरी ज़माने के शायरों में प्रमुख, विशिष्ट लखनवी शैली के लिए मशहूर, अडिशनल कमिश्नर, शिक्षा मंत्री, गृह मंत्री और कश्मीरी सरकार में कार्यकारी प्रधानमंत्री

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, जिगर मुरादाबादी के समकालीन।

प्रसिद्ध कथाकार, शायर और आलोचक; लखनऊ की सभ्यता और सांस्कृतिक परिदृश्य पर उपन्यास लिखे

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज थे। लोक सभा के सदस्य भी रहे

राष्ट्रीय एकता, धार्मिक एकता और जज़्बा-ए-आज़ादी को समर्पित शायरी के लिए मशहूर , स्वतंत्रता सेनानी

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

अपने नाटक 'इन्द्र सभा' के लिए प्रसिद्ध, अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अली शाह के समकालीन

प्रसिद्ध महिला कथा लेखिका, पाकिस्तानी समाज में महिलाओं के गंभीर समस्याओं को विषय बनाने के लिए जानी जाती हैं।

शायर और पत्रकार, लम्बे समय तक रेडियो पाकिस्तान से सम्बद्ध रहे, फ़िल्मों के लिए गीत और संवाद भी लिखे

नई पीढ़ी के लेखक, कथा समीक्षक और अनुवादक हैं

लखनऊ के अहम क्लासिकी शायर, आतिश के शागिर्द, लखनऊ पर लिखी अपनी लम्बी मसनवी ‘अफ़साना-ए-लखनऊ’ के लिए मशहूर

कनाडावासी उर्दू शायरों में शामिल

बीसवीं सदी के महत्वपूर्ण विद्वान,लेखक, अनुवादक,उपन्यासकार, नाटककार. लखनऊ की सामाजिक व सांस्कृतिक जीवन के मर्मज्ञ.

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